Uttarakhand

बलूनी की पहल से बचा 16 हज़ार विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों का भविष्य

  • ”एनसीटीई संशोधन विधेयक” को राज्यसभा में पारित
  • विशिष्ट बीटीसी की मान्यता प्रकरण प्रदेश में था लंबे समय से लंबित
  • राज्यसभा से पास होने के बाद उक्त विधेयक को अब एक बार फिर लोकसभा में रखा जायेगा 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून: अप्रशिक्षित करार दिए गए उत्तराखंड के 16608 विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षित शिक्षकों को केंद्र से बड़ी राहत मिलने से उनके भविष्य पर मंडरा रही बेरोजगार होने की तलवार से राहत मिली है। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण को एनसीटीई की मान्यता दिलाने के संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के ”एनसीटीई संशोधन विधेयक” को राज्यसभा में पारित हो गया है।

वहीं उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने राज्यसभा में ”नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन अमेंडमेंट बिल” पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी , मानव संसाधन मंत्री  प्रकाश जावड़ेकर सहित सभी राज्यसभा सदस्यों का आभार प्रकट किया है। इस बिल के पास होने से उत्तराखंड के सोलह हजार शिक्षकों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। 

राज्य सभा में बिल के पास होने के बाद उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान ने उक्त विधेयक राज्यसभा में पारित होने पर खुशी जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय और सांसद अनिल बलूनी का आभार व्यक्त किया।

राज्य सभा सांसद बलूनी ने यहां जारी एक बयान में कहा कि विशिष्ट बीटीसी की मान्यता का प्रकरण उत्तराखंड में लंबे समय से लंबित था, जिस कारण उत्तराखंड के सोलह शिक्षक प्रभावित हो रहे थे और उन्हें वरिष्ठता सहित अनेक लाभ प्राप्त करने में विलंब हो रहा था, इस बिल के पास होने से उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हुयी है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा से पास होने के बावजूद उक्त विधेयक को अब दोबारा लोकसभा में भी रखना होगा। लोकसभा में उक्त विधेयक में पहले 2018 का उल्लेख किया गया है। अब इसे संशोधित कर 2019 का उल्लेख किया जाएगा। लोकसभा में उक्त विधेयक पारित होने में देर नहीं लगेगी। लोकसभा से विधेयक पारित होने के बाद शिक्षकों की समस्या का समाधान हो जाएगा। राज्य सरकार के आवेदन करते ही शिक्षकों के विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण को मान्यता मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे उत्तराखंड के शिक्षकों की मांग पूरी हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की संवेदना, विभागों की लंबित प्रकरणों के प्रति निस्तारण की सोच से हर वर्ग को राहत देने का अभियान पुष्ट हुआ है। कुछ दिन पूर्व विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों के संगठन ने सांसद बलूनी से भेंट करके उनकी समस्या के समाधान का अनुरोध किया था। जिस पर उन्होंने निरंतर इस विषय को फॉलो किया और उनके संगठन को प्रगति से अवगत कराते रहें। आज बिल के राज्यसभा में विधिवत पारित होने के बाद श्री बलूनी ने प्रसन्नता जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी विभागीय मंत्री श्री जावड़ेकर और सभी राज्यसभा सांसदों आभार प्रकट किया।

गौरतलब हो कि राज्य बनने के बाद उत्तराखंड में हुए विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण को एनसीटीई ने मान्यता नहीं दी थी। प्रशिक्षण दिलाने से पहले शिक्षा महकमे ने एनसीटीई से मान्यता लेने की औपचारिकता पूरी करने की जरूरत नहीं समझी। इसका खामियाजा उक्त प्रशिक्षण पूरा कर महकमे में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। एनसीटीई की मान्यता नहीं मिलने से शिक्षकों के रोजगार पर संकट खड़ा हो गया है। केंद्र सरकार ने अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए डीएलएड प्रशिक्षण पूरा करने की डेडलाइन 31 मार्च, 2019 तय की है। राज्य के प्राथमिक शिक्षक डीएलएड प्रशिक्षण से इन्कार कर चुके हैं।

डीएलएड प्रशिक्षण की अनिवार्यता खत्म करने और विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण को मान्यता दिलाने को लेकर बने गतिरोध को दूर करने में उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य व वरिष्ठ भाजपा नेता ने अनिल बलूनी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में उनके साथ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की। इस मुलाकात में केंद्रीय मंत्री ने संसद के शीतकालीन सत्र में उक्त संबंध में विधेयक लाने का भरोसा दिया था।  

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