Uttarakhand

जर्मनी से मंगाया गया रोबोट करेगा अब एम्स ऋषिकेश में सर्जरी

  •  दा विंची रोबोट मशीन  से होंगे जटिल से जटिल ऑपरेशन 

ऋषिकेश :  जर्मन में बनी दा विंची रोबोट मशीन  एम्स ऋषिकेश में लगा दी गई है। इसके बाद अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में रोबोट ही जटिल से जटिल ऑपरेशन करेगा। यह सुविधा देश के चुनिंदा अस्पतालों में ही उपलब्ध है।  ऋषिकेश का एम्स अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होता जा रहा है। अब संस्थान में रोबोटिक सर्जरी भी उपलब्ध हो गई है। हाई डेफिनिशन थ्री-डी प्रणाली से लैस मशीन से हार्ट, कैंसर, प्रोस्टेज कैंसर सहित जटिल ऑपरेशन आसानी से हो सकेंगे।

जर्मनी में निर्मित दा विंची रोबोट मशीन की कीमत 28 करोड़ रूपये है। इससे हृदय शल्य चिकित्सा, कालोरेक्टल सर्जरी, जनरल सर्जरी, गायनोकोलाजिक सर्जरी, सिर-गर्दन सर्जरी, वक्ष शल्य चिकित्सा सहित सभी जटिल ऑपरेशन संभव है। विदेश में रोबोट सर्जरी महंगी है। विदेश में सामान्य व जटिल सर्जरी के 20 हजार से 10 लाख रूपये लग जाते है। हवाई टिकट एवं अन्य खर्च अलग से वहन करना पड़ता है। जबकि ऋषिकेश एम्स में 10 हजार से 2 लाख रूपये का खर्च आता है। जोकि विदेशों की अपेक्षा बहुत ही कम है। 

ऋषिकेश एम्स के निदेशक प्रोफेसर डा. रविकांत के अनुसार छोटे चीरे से दा विंची प्रणाली में एक विस्तृत थ्री-डी हाई डेफिनिशन विजुअल सिस्टम छोटे उपकरण शरीर में प्रवेश कराये जाते है। जो मानव हाथ से कहीं ज्यादा मोड और धूमते है। इससे खून नहीं निकलता और ऑपरेशन के बाद दर्द भी कम होता है। इससे इनफेक्शन का खतरा भी नहीं रहता है। 

प्रोफेसर डा. रविकांत का कहना है कि अत्याधुनिक दा विंची रोबोट प्रणाली से जटिल ऑपरेशन आसानी से हो जाते है। अमेरिका,जर्मनी,फ्रांस सहित यूरोप के देशों में यह प्रणाली लोकप्रिय है। भारत के चुनिंदा मेडिकल संस्थानों में ही यह सुविधा है। इसमें रोबोट की मदद से सर्जरी की जाती है। जिसमें समय कम लगने के साथ चीर-फाड नहीं करनी पड़ती। मरीज को दर्द कम होने के साथ इनफेक्शन का खतरा भी नहीं रहता है। 

डा. रविकांत के अनुसार  यह रोबोट एक सर्जरी यंत्र है। इसे नियंत्रित करने की डोर सर्जन के पास होगी। इसमें हाथ की तरह यंत्र होंगे और बीच में थ्री डी कैमरा होगा। एम्स के अलावा दिल्ली के कई प्राइवेट अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी की जा रही है। उन्होंने बताया रोबोटिक सर्जरी से मरीजों को काफी फायदा मिलेगा। पहले पेट की सर्जरी में काफी लंबा चीरा लगाना पड़ता था। इसमें दो से तीन छोटे-छोटे छेद किए जाएंगे। 

डा. रविकांत ने बताया रोबोटिक सर्जरी में खून बहुत कम बहेगा। जब खून कम निकलेगा तो मरीज जल्दी ठीक होगा। दो से तीन घंटे बाद उसे घर भी भेजा जा सकेगा। दवाइयों का खर्च काफी कम होगा। इस रोबोट से प्रोस्टेट, नेफ्रेक्टामी किडनी और अन्य सर्जरी की जा सकेंगी। रोबोटिक सर्जरी से डॉक्टरों को काफी फायदा मिलेगा। लेप्रोस्कोपी से ऑपरेशन में डाक्टरों को ज्यादा समय तक ऑपरेट करना पड़ता था। रोबोटिक में ऐसा नहीं होगा।

devbhoomimedia

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