हाईवे पर फिर से खुल जाएंगे शराब के ठेके
सिक्कम में हाईवे पर दुकान को बनाया छूट का आधार
पर्वतीय जिलों में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से शराब विरोधी आंदोलन को लगा झटका
सरकार को मैदानी क्षेत्रों में भी नहीं मिलेगा कोई खास फायदा
नयी दिल्ली : हिमालयी राज्य सिक्कम में हाईवे पर दुकान खोलने के लिए दूरी में दी जा रही छूट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के नौ पहाड़ी जिलों में हाईवे पर 500 और 220 मीटर दूरी की बाध्यता खत्म कर दी है। उच्चतम न्यायलय के इस आदेश के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में हाईवे पर शराब के ठेके और बार खुल सकेंगे। देहरादून और नैनीताल की सात तहसीलों को भी इस छूट का लाभ दिया गया है। वहीँ राजमार्गों के 500 मीटर के दायरे में शराब की दुकानों पर प्रतिबंध पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से कुमाऊं के पर्वतीय जिलों में शराब विरोधी आंदोलन को झटका लगा है। मैदानी क्षेत्रों में इस आदेश के बाद भी सरकार को खास फायदा शायद ही मिल पाए।
शुक्रवार को इसके आदेश मिलने के बाद आबकारी विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने सिक्कम में हाईवे पर दुकान खोलने के लिए दूरी में दी जा रही छूट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। जिसमें कहा गया था कि उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों की परिस्थितियां भी सिक्किम की तरह हैं। ऐसे में यहां भी उसी आधार पर हाईवे में शराब की दुकानें, ठेके और बार खोलने में दूरी की छूट दी जाए।
इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शुक्रवार को सरकार के पक्ष में फैसला दिया। जिसमें कहा गया कि सिक्कम के लिए मार्च में दी गई छूट के आधार पर ही उत्तराखंड के नौ पहाड़ी जिलों में दुकानें या बार खोलने के लिए हाईवे से 500 मीटर और 220 मीटर दूरी की बाध्यता नहीं रहेगी। आबकारी आयुक्त युगल किशोर पंत ने इसकी पुष्टि की है।
कोर्ट के इस फैसले से चमोली, चंपावत, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग में अब ठेके खोलने के लिए हाईवे से 500 मीटर या 220 मीटर की दूरी नहीं रखनी पड़ेगी। इससे विभाग को राजस्व का भी फायदा होगा।