UPCL के एमडी नीरज खैरवाल ने जारी किए सख्त आदेश
करंट लगने की बढ़ती घटनाओं पर लगाम लगाने की तैयारी !
पावर स्टेशनों में लगे घटिया दर्जे के ”रिले” के कारण ही होती हैं इस तरह की घटनाएं
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : हल्द्वानी में काठगोदाम रोड पर फार्मासिस्ट की बिजली की तारों में उलझकर हुई मौत के बाद सूबे का UPCL नींद से भले ही जाग गया हो लेकिन पावर स्टेशनों में लगे उपकरणों पर वह अभी भी नहीं जागा है क्योंकि पावर स्टेशनों में लगे घटिया दर्जे के ”रिले” के कारण ही इस तरह की घटनाएं होती हैं।
चर्चा है कि घटिया दर्जे के न ”रिले” की खरीद में बहुत बड़ा घोटाला होता रहा है जबकि यही एक ऐसा उपकरण है जो पावर स्टेशनों में अधिक बिजली आने पर सप्लाई को स्वतः ही पावर कट कर सकता है जिससे उपभोक्ताओं के घरों में लगे विद्युत उपकरण फूंकने से बच सकते हैं, वहीं दूसरी ”रिले” के चलते यदि कभी बिजली की तारें टूटकर सड़क, मकान या पेड़ पर गिर जाए तो यह ”रिले” भी पावर कट कर देती है जिससे बिजली की गिरी तारों में बह रहा करंट बंद हो जाता है और गिरी हुई तारों के चपेट में आने से मानव व मवेशी दोनों ही बच सकते हैं। लेकिन चर्चा है विद्युत उपकरणों की खरीद में घोटाले के चलते यह दोनों ही काम नहीं हो पाते क्योंकि खरीदी गई ”रिले” बहुत ही घटिया होती है जिसके चलते दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है।
वहीं बढ़ती दुर्घटनाओं पर UPCL के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ”रिले” ही नहीं बल्कि तमाम अन्य खरीद में बहुत बड़ा घोटाला होता रहा है जिससे निरीह लोगों की जान पर बन आती है। उन्होंने कहा मात्र ”रिले” ही नहीं बल्कि सभी तरह की खरीद पर थर्ड पार्टी ऑडिट होना चाहिए ताकि आमजन को दुर्घटनाओं से बचाया जा सके।
READ THIS– EXCLUSIVE : UPCL के निदेशक परिचालन ने हड़बड़ी में जांच के आदेश से पहले ही जारी कर डाला बिना तारीख और पत्रांक वाला पत्र !
गौरतलब हो कि हल्द्वानी में एक युवा फार्मासिस्ट के करंट लगने के बाद मौत और अन्य घटनाओं ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इस तरह की घटनाओं पर नाराजगी जताते हुए अब उत्तराखंड शासन ने UPCL को फूल प्रूफ व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं शासन ने UPCL को पॉवर सब स्टेशन का प्रोटेक्शन ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं बिजली की लाइनों के रखरखाव की नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए। वहीं सभी फील्ड के अभियंताओं को प्रोटेक्शन ऑडिट के सम्बन्ध में मुख्यालय से निर्देश जारी किए गए हैं।
इधर UPCL के एमडी नीरज खैरवाल द्वारा मुख्यालय से जारी निर्देश में कहा गया है कि सूबे की 33 और 11 केवी सब स्टेशनों का तत्काल सुरक्षा ऑडिट करने के साथ ही कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाए। वहीं दो सप्ताह के भीतर प्रोटेक्शन ऑडिट का प्रस्ताव निदेशक ऑपरेशन को भेजे जाएं। बिजली लाइनों, ट्रांसफामर्र की लगातार निगरानी की जाए। इसके लिए विभिन्न खण्डों के अधिशासी अभियंताओं को निर्देश हैं कि वे अपने खण्डों में सुरक्षा संबंधी विशेष अभियान चलाएं।
एम डी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि वहीं अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे भी सप्ताह में दो बार इन अभियान की समीक्षा करने के बाद सुरक्षा रिपोर्ट मुख्य अभियंता को भेजें। UPCL को शासन के निर्देश हैं कि इस अभियान में बिजली लाइन, ट्रांसफार्मर, सब स्टेशन से जुड़े अभी कार्यों को 15 दिन के भीतर पूरा कर सिस्टम में जहां सुधार को जिन चीजों की जरूरत है, उनका 15 दिन के भीतर प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी ली जाए। कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाए। ताकि अब भविष्य में इस तरह की कोई दुर्घटना न हो और किसी भी तरह की लापरवाही ही बरती जाए।
[contact-form][contact-field label=”Name” type=”name” required=”true” /][contact-field label=”Email” type=”email” required=”true” /][contact-field label=”Website” type=”url” /][contact-field label=”Message” type=”textarea” /][/contact-form]