देहरादून। पर्यटकों को बेहतर परिवहन सुविधा देने के लिए उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश बस सेवाओं का दायरा बढ़ाने जा रहे हैं। दोनों राज्यों के बीच पिछले साल फरवरी में हुए बस संचालन करार को संशोधित किया जाएगा। रोडवेज के जीएम-ऑपरेशन दीपक जैन ने इसकी पुष्टि की। इस समझौते से दोनों राज्यों के पर्यटक और तीर्थ स्थलों तक सीधी बस सेवाएं शुरू हो सकती हैं।
पिछले साल फरवरी 2016 में हुए बस संचालन करार के अनुसार हिमाचल प्रदेश राज्य के 47 रूट पर 100 ट्रिप कर रहा है। जबकि उत्तराखंड 124 ट्रिप हिमाचल प्रदेश के 35 विभिन्न रूट पर करता है। दोनों राज्य इस संख्या को बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं। दरअसल, दोनों राज्यों की भौगोलिक और धार्मिक स्थितियां करीब-करीब समान हैं। जहां उत्तराखंड देव धामों की वजह से देवभूमि के रूप में विख्यात है। वहीं हिमाचल में देवियों के शक्तिपीठ ज्यादा होने से देवीभूमि माना जाता है। दोनों ही राज्यों में श्रद्धालुओं का प्रवाह काफी ज्यादा है। दोनों राज्य यदि बस सेवाओं से जुड़ते हैं तो श्रद्धालुओं के लिए यह सुविधाजनक होगा। वहीं राजस्व के लिहाज से दोनों राज्यों के रोडवेज के लिए फायदेमंद भी। परिवहन मंत्री हिमाचल प्रदेश जीएस बाली ने कहा कि हिमाचल और उत्तराखंड में परिवहन सेवाओं को और बेहतर बनाने की पर्याप्त संभावना है। जल्द नई बस सेवाओं पर निर्णय किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश ने उत्तराखंड के पर्यटन स्थल ऋषिकेश और मसूरी के लिए सीधी बस सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है। हिमाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री जीएस बाली ने इसके निर्देश दे दिए हैं। बाली ने बताया कि ऋषिकेश के लिए हिमाचल के प्रमुख सेंटरों से सीधी बस सेवाएं शुरू की जाएंगी। मसूरी भी फोकस में है। मसूरी मार्ग पर एक स्थान कुछ संकरा है। उसके ठीक होते ही हिमाचल से सीधा मसूरी के लिए भी बस सेवा शुरू की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के साथ राज्य का बस संचालन करार एक बार फिर लटक गया है। यूपी में परिवहन सचिव के बदल जाने से पूरी प्रक्रिया थम गई है। दोनों राज्यों के बीच बस संचालन करार पिछले 13 साल से नहीं हुआ है। पिछले साल अप्रैल 2016 में दोनों राज्यों के बीच एमडी स्तर पर अनंतिम सहमति बन गई थी। लेकिन सचिव स्तर पर अंतिम करार फिर थम गया। रोडवेज के अधिकारी नए सिरे से प्रक्रिया को शुरू कर रहे हैं। हरियाणा के साथ जरूर राज्य के रोडवेज का करार हो गया है।