कुछ प्रभारी मंत्रियों के कतरे गए पर, तो कइयों को मिली महत्वूर्ण जिम्मेदारी

- डाॅ. धन सिंह रावत को मिला टिहरी व उत्तरकाशी के प्रभारी मंत्री का प्रभार
- राज्य से जिलों के प्रभारी मंत्री बदले गए ,अब रेखा को मिला बागेश्वर
- सतपाल महाराज और यशपाल आर्य को दो-दो से मिला एक जिला
- प्रकाश पंत चमोली व रूद्रप्रयाग तो मदन कौशिक उधमसिंहनगर व नैनीताल


कांग्रेस पृष्ठभूमि के अन्य मंत्रियों में डॉ हरक सिंह रावत को नैनीताल से हटाकर अल्मोड़ा, सुबोध उनियाल को पिथौरागढ़ के स्थान पर पौड़ी और राज्यमंत्री रेखा आर्य को चंपावत से हटाकर बागेश्वर जिले का प्रभार दिया गया है। सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस पृष्ठभूमि के उक्त मंत्री जिलों में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल नहीं बिठा पाए और कई मंत्री तो भाजपा के बजाय कांग्रेस कार्यकर्ताओं से गलबहियां करते रहे जबकि भाजपा कार्यकर्ता उनसे काम की बात तो दूर मिलने को ही मशक्क्त करते रहे । वहीँ राज्यमंत्री रेखा आर्य का चंपावत जिले के भाजपा विधायकों के साथ सामंजस्य नहीं बैठा पायी इसके चलते जिले के एक विधायक तो उनकी बैठकों में शामिल होने का मन ही नहीं बना पाए।
वहीँ अब निकाय चुनाव की चुनौती देखते हुए सरकार ने मंत्रियों के प्रभार बदलते हुए पिथौरागढ़ व चंपावत जैसे चुनौतीपूर्ण जिलों का प्रभार अब दबंग समझे जाने वाले मंत्री अरविंद पांडेय को दिया है। जबकि उनसे टिहरी जिले का प्रभार वापस लिया गया है। वहीं काबीना मंत्री प्रकाश पंत ऊधमसिंहनगर व बागेश्वर के बजाय चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों का प्रभार दिया गया है । वहीँ प्रकाश पंत की तैनाती को पर्वतीय क्षेत्रों में पकड़ बनाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। जबकि काबीना मंत्री मदन कौशिक देहरादून व उत्तरकाशी के बजाय ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों के प्रभारी मंत्री के तौर पर मोर्चा देखेंगे। निकाय चुनाव के लिहाज से कुमाऊं मंडल के ये दोनों जिले महत्वपूर्ण हैं। वहीं राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत को अल्मोड़ा के स्थान पर दो जिलों टिहरी व उत्तरकाशी का जिम्मा सौंपा गया है।