केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉ. सत्यपाल के गंगा को लेकर दिए गए बयान पर संत और पुरोहित जगत में उबाल

हरिद्वार : केंद्रीय राज्यमंत्री डा. सत्यपाल सिंह की ओर से गंगा में अस्थि विसर्जन और जलसमाधि पर रोक लगाने का बयान पर संत और पुरोहित जगत में उबाल आ गया। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि हिंदुत्व पर बोझ जैसे मंत्री को तत्काल पद से हटाया जाए।। इस पर संत और पुरोहितों का कहना है कि गंगा का आगमन ही अस्थि प्रवाह के लिए हुआ है। जहां तक मृत संतों को जलसमाधि के बजाय भूसमाधि की बात है तो जमीन देने की मांग अखाड़ा परिषद आठ वर्षों से करता आ रहा है, सभी सरकारों की घोर उपेक्षा के कारण जल समाधि चल रही है। गंगा में अस्थिप्रवाह कदापि नहीं रोका जाएगा।
मंत्री के बयान के बाद कार्यक्रम में भाग ले रहे संतों ने इस पर तुरंत ही आपत्ति व्यक्त की। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि अस्थिप्रवाह गंगा में नहीं होगा तो फिर और कहां होगा। ऐसे बचकाने बयान कदापि स्वीकार और बर्दाश्त नहीं किए जा सकते। मंत्री जैसे लोगों की यदि कोई व्यक्तिगत समस्याएं हैं तो वे पूरे हिंदू समाज पर नहीं थोप सकते।
जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य ने कहा कि मंत्री डा. सत्यपाल सिंह ने बड़ी हास्यास्पद बात कही है। उन्हें शायद धर्म क्षेत्र के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। दुर्भाग्य है कि ऐसा व्यक्ति गंगा बचाओ कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने कहा कि सरकार तुरंत भू-समाधि के लिए भूमि प्रदान करे। आठ वर्षों से संतों की मांग को सरकारें लगातार ठुकरा रही है। हरिद्वार में भूमि के लिए सर्वे कराने के बावजूद 2010 में भूखंड संतों के हवाले नहीं किया गया।
गंगा सभा के महामंत्री रामकुमार मिश्रा ने कहा कि राजा भगीरथ अपने पुरखों 60 हजार सगर पुत्रों की अस्थियां बहाने के लिए ही गंगा को स्वर्ग से पृथ्वी पर लाए थे। गंगा विश्व की एक मात्र ऐसी नदी है जिसका आगमन अस्थिप्रवाह के प्रयोजन से हुआ। यदि कोई मंत्री गंगा के संबंध में बयानबाजी करता है तो सभी उस पर हंसेंगे। वर्षभर में करोड़ों श्रद्घालु गंगा तट पर आते हैं और लाखों अपने पुरखों की अस्थियां बहाते हैं।
गंगा सभा के पूर्व अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी ने मांग की है कि हिंदू समाज से अनभिज्ञ केंद्रीय राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह को इस मंत्रालय से हटाया जाए। उन्होंने कहा कि मंत्री को धार्मिक विषयों की मूल जानकारी भी नहीं है। उधर, अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता बाबा हठयोगी दिगंबर ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि हिंदुत्व पर बोझ जैसे सत्यपाल सिंह को तत्काल पद से हटाया जाए। जो मंत्री गंगा में अस्थियां और फूल तक चढ़ाने से इंकार कर रहा हो, उसका मंत्रिमंडल में कोई स्थान ही नहीं होना चाहिए।