UTTARAKHAND

रुद्रप्रयाग में बागी बिगाड़ सकते हैं चुनावी समीकरण

कांग्रेस प्रत्याशी को हो सकता है नुकसान 

दोनों प्रत्याशी जखोली क्षेत्र के हैं रहने वाले 

भाजपा को मिली राहत, किसी भी कार्यकर्ता ने नहीं की बगावत

रुद्रप्रयाग । इस बार रुदप्रयाग विधानसभा का चुनाव काफी अहम माना जा रहा है। वर्ष 2012 में डाॅ हरक सिंह रावत इस सीट से विधायक बने और अब उनकी खासमखास तथा जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी के सम्मीकरण बिगाड़ने के लिए कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे प्रदीप थपलियाल मैदान में डटे हुए हैं। कांग्रेस हाईकमान के लाख समझाने पर भी श्री थपलियाल ने नामांकन वापस नहीं लिया। ऐसे में माना जा रहा है कांग्रेस प्रत्याशी के लिए बगावती नेता मुसीबत खड़ी कर सकते हैं।

वैसे रुद्रप्रयाग विधानसभा डाॅ हरक सिंह रावत के चुनाव लड़ने के बाद से खास मानी जा रही है। इससे पहले इस सीट पर भाजपा नेता मातबर सिंह कंडारी ने दो बार जीत दर्ज की, लेकिन तीसरे विधानसभा चुनाव में उनका मुकाबला अपने साढू भाई और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में पहचान रखने वाले डाॅ हरक सिंह रावत के साथ था। डाॅ हरक सिंह रावत ने मात्र 14 दिनों में ही उन्हें पटकनी दे दी और तेरह सौ वोटों से भाजपा प्रत्याशी को हरा दिया। उस समय मातबर सिंह कंडारी के खिलाफ भाजपा से बगावत कर अर्जुन गहरवार भी मैदान में खड़े थे और डाॅ हरक सिंह रावत के खिलाफ कांग्रेस से बगावत करते हुए भरत सिंह चौधरी ने चुनाव लड़ा। भरत सिंह चैधरी को जहां आठ हजार के करीब मत पड़े तो अर्जुन गहरवार को छः हजार के करीब मत प्राप्त हुए। ऐसे में ये दोनों बागी ही सम्मीकरण बिगाड़ने में मददगार आगे रहे।

इस बार रुद्रप्रयाग विधानसभा से मजबूत प्रत्याशियों में भाजपा प्रत्याशी भरत सिंह चौधरी, कांग्रेस सुश्री लक्ष्मी राणा, कांग्रेस से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे प्रदीप थपलियाल व ब्लाॅक प्रमुख जगमोहन रौथाण का नाम आगे आ रहा है। इसके अलावा बीएसपी सुरजीत लाल, यूकेडी देवेन्द्र चमोली, सीपीआई ललिता प्रसाद भट्ट, जगदीश सिंह, जयओम, भगवती प्रसाद, अनिल रावत मैदान में खड़े हैं। सम्मीकरण बिगाड़ने में छुटपुट प्रत्याशियों की भी भूमिका रहती है, मगर रुद्रप्रयाग विधानसभा में दो निर्दलीय प्रत्याशी ही ऐसे हैं जो कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशियों के सम्मीकरण बिगाड़ सकते हैं। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही सुश्री लक्ष्मी राणा के लिए कांग्रेस के बागी प्रदीप थपलियाल मुसीबत पैदा कर सकते हैं। दोनों का घर ही विकासखण्ड जखोली में पड़ता है और दोनों का गढ़ भी एक ही है।

वैसे कांग्रेस से दो वरिष्ठ नेताओं ने बगावती रूख अपनाया था, लेकिन ठाकुर गजेन्द्र सिंह पंवार ने अपना नामांकन वापस ले लिया। अब चुनाव मैदान में कांग्रेस से बगावत करने वाले नेता प्रदीप थपलियाल बचे हैं, जिन्हें हाईकमान ने कईं बार समझाया, लेकिन वे नहीं माने। निर्दलीय प्रत्याशी प्रदीप थपलियाल के लिए कांग्रेस संगठन भी काम कर रहा है। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी की बैचेनी बढ़ी हुई है। भाजपा के लिए खुशी की बात यह रही कि पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता ने बागी की भूमिका निभाते हुए नामांकन नहीं करवाया।

भले ही भाजपा जिलाध्यक्ष डाॅ आनंद सिंह बोंहरा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है, मगर इससे पार्टी को कोई बड़ा झटका नहीं लगा है। पार्टी संगठन आज भी प्रत्याशी के पक्ष में खड़ा है। भाजपा प्रत्याशी के सम्मीकरण बिगाड़ने में ब्लाॅक प्रमुख जगमोहन रौथाण अहम रोल अदा कर सकते हैं। पट्टी रानीगढ़ व धनपुर को भाजपा प्रत्याशी चौधरी का गढ़ माना जाता है, लेकिन ब्लाॅक प्रमुख जगमोहन रौथाण दोनों ही पट्टियों में सेंधमारी करने में लगे हैं। इनका घर बच्छणस्यूं पट्टी में पड़ता है और यहां इनकी काफी मजबूत पकड़ भी है। कुल मिलाकर देखा जाय तो रुद्रप्रयाग विधानसभा में अब तक त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। ऐसे में माना यह भी जा रहा है कि बगावती कार्यकर्ताओं के कारण चुनाव में सम्मीकरण गड़बड़ा सकते हैं।

devbhoomimedia

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