गुलाब सिंह के परिवार का चकराता सीट से वर्चस्व को तोड़ना आसान नहीं !
देहरादून । उत्तराखंड में कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जिनके साथ कुछ न कुछ मिथक जुड़े हुए हैं। उनमें देहरादून जिले की चकराता विधानसभा सीट भी एक है। देहरादून जनपद के सुदूर उत्तर में उत्तरकाशी से सटे इस विधानसभा क्षेत्र के बारे में कहा जाता है कि यहां स्व. गुलाब सिंह के परिवार के वर्चस्व को तोड़ना आसान नहीं है। आजादी से लेकर अब तक इस सीट पर एक-दो बार के चुनाव को छोड़ दें तो इसी परिवार ने जीत हासिल की है।
गुलाब सिंह के परिवार का ताल्लुक शुरू से ही कांग्रेस से रहा है इस कारण चकराता को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि उत्तराखंड से कांग्रेस का सफाया करने का नारा बुलंद करने वाली भाजपा को चकराता में जीत हासिल करना लोहे के चने चबाने जैसा दुरुह होगा। बहरहाल इस सीट से वर्ष 2017 के विस चुनाव के लिए कांग्रेस ने प्रीतम सिंह और भाजपा ने मधु चौहान को उतारा है। इसके अतिरिक्त बसपा से दौलत कुंवर और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में स्वराज सिंह मैदान में हैं।
दौलत कुंवर उस समय सुर्खियों में आये थे जब करीब एक वर्ष पूर्व उन्होंने भाजपा सांसद तरुण विजय के साथ चकराता के उस मंदिर में प्रवेश करने का प्रयास किया था जिसमें कथित तौर पर निम्न जातियों का प्रवेश वर्जित है। इस दौरान जमकर हंगामा हुआ था और दौलत कुंवर को चकराता से निर्वासित रहना पड़ा था। बसपा के वोट बैंक के सहारे दौलत कुंवर चुनावी जंग जीतना चाहते हैं परंतु एसटी के लिए सुरक्षित होने के बाद भी आज तक बसपा इस सीट पर कोई बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं कर पाई।
पिछले चुनाव में उसके प्रत्याशी की जमानत तक जब्त हो गई थी। यहां लगातार तीन बार से चुनाव जीत रहे कांग्रेस के प्रीतम सिंह को भाजपा की मधु चैहान से ही टक्कर मिलने की उम्मीद है। मधु चैहान इस क्षेत्र से विधायक रह चुके मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी हैं। वह वर्ष 2007 के चुनाव में भी प्रीतम सिंह को टक्कर दे चुकी है। काफी दिनों से क्षेत्र में सक्रिय हैं। अपने पति का नाम, मोदी लहर और अपनी खुद की सक्रियता के बल पर मधु चैहान को चुनाव जीतने की उम्मीद है।
मधु चौहान का मानना है कि कांग्रेस की सरकार ने इस क्षेत्र की उपेक्षा की है। जनता इसका जवाब देगी। भाजपा के आंतरिक सर्वे में भी मधु चैहान को अन्य दावेदारों पर भारी दिखाया गया है। इस कारण परिवारवाद जैसे आरोपों से घिरने के बावजूद भाजपा नेतृत्व को चकराता से मधु चौहान को टिकट देना पड़ा। निकटवर्ती सीट विकासनगर से मधु चौहान के पति मुन्ना सिंह चौहान खुद भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। देखना यह है कि मधु चौहान गुलाब सिंह के परिवार के वर्चस्व को कहां तक चुनौती दे पाती हैं।