रक्षा सौदों में कर रही भ्रष्टाचार केंद्र की मोदी सरकार : हरीश रावत
- मोदी ने टाला जवाबदेही से बचने के लिए संसद का शीतकालीन सत्र
- जीएसटी लागू करने में केंद्र सरकार विफल
- जिनती बार राहुल गांधी गुजरात में दहाड़ेंगे, उतनी बार संशोधन होंगे
- उत्तराखंड में भी शीतकालीन सत्र को छोटा करने की सजिश
- गर्भवती महिलाओं को मिलने वाले दूध में कटौती
रुद्रपुर। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र में सिर्फ नरेंद्र मोदी ही सरकार हैं इसीलिए रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक षडयंत्र के तहत ही संसद का शीतकालीन सत्र टाला गया है ताकि सरकार जवाबदेही से बच सके।। उन्होंने कहा कि देश में नोटबंदी के बाद देश में सबसे बड़ा रक्षा घोटाला हुआ है। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने जहाँ जवाबदेही से बचने के लिए शीतकालीन सत्र टाला है वहीँ उसी तर्ज पर प्रदेश सरकार ने भी शीत कालीन सत्र को छोटा करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली मोदी सरकार खुद ही रक्षा सौदों में हो रहे भ्रष्टाचार में घिरती जा रही है। उन्होंने कहा कि रक्षा सौदों के साथ ही पेट्रोलिय पदार्थों के दामों में हो रही लूट का सीधा फायदा बड़े कारपोरेट घरानों को पहुंचाया जा रहा है। जिसके चलते आम जनता महंगे दामों में पेट्रोलिय पदार्थ खरीदने को मजबूर हैं। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद देश में तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। जिससे महंगाई पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार अब हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है। जिसके चलते लोगों का सरकार से विश्वास उठने लगा है।
पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ के आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि संसद सत्र में जनता से जुड़े प्रमुख सवाल उठाए जाते तो मोदी की जवाबदेही बनती। उन्होने कहा कि एक कारपोरेट घराना जो सरकार चला रहा है को फायदा पहुंचाने के लिए राफेल प्लेन खरीदने में इतिहास का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला हुआ है। यूपीए सरकार में जिस प्लेन का सौदा हुआ था, उससे चार गुना अधिक मूल्य पर प्लेन खरीदे जा रहे हैं। यूपीए सरकार में प्लेन खरीदते वक्त टेक्नोलॉजी ट्रांसफर होती थी, मगर वर्तमान सरकार ने टेक्नोलॉजी ट्रांसफर तक नहीं ली है।
उन्होंने कहा कि यदि संसद सत्र होता तो न खाऊंगा न खाने दूंगा का जुमला बोलने वालों की पोल खुल जाती कि यह जुमला अपने खास लोगों के लिए नहीं है। श्री रावत ने आरोप लगाया कि अमित शाह के बेटे को 16 हजार प्रतिशत का लाभ हो जाता है। अजीत डोभाल के पुत्र पर गंभीर आरोप लगते हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री पर भी गंभीर आरोप लगे। व्यापम घोटाले की जांच पर सवालिया निशान लग रहे हैं। नोटबंदी बड़ा घोटाला है, क्योंकि रिजर्ब बैंक ने सारे आंकलन झुठलाते हुए कह दिया है कि 99 फीसदी मुद्रा वापस आ गई। यानि काला धन देश में था ही नहीं।
उन्होंने आरोप लगाया कि जीएसटी लागू करने में केंद्र सरकार विफल हो गई है। जीएसटी में छह बड़े संशोधन हो चुके हैं और आगे भी संशोधन होने के संकेत हैं। ऐसा लगता है कि जिनती बार राहुल गांधी गुजरात में दहाड़ेंगे, उतनी बार संशोधन होंगे। किसानों की आत्महत्या, गन्ना किसानों की खराब स्थिति का प्रश्न संसद उठता। महंगाई बढ़ी है। गैस सिलेंडर लांच होने के बाद से 2014 तक सिलेंडर के दाम 375 रुपये थे, लेकिन जबसे मोदी का प्रधानमंत्री के रूप में जन्म हुआ है तब से गैस के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। आज 775 रुपये में गैस सिलेंडर मिल रहा है।
श्री रावत ने कहा कि उत्तराखंड में भी शीत सत्र को छोटा करने की कोशिश की जा रही है, ताकि विपक्ष के सवालों से भागा जा सके। त्रिवेंद्र सरकार राज्य में खड़े होने वाले सवालों से बचना चाहती है। कहा कि त्रिवेंद्र सरकार बनने के बाद विकास कार्यों को अवकाश हो गया है। बोले बेहड़ ने जितने विकास कार्य बगैर विधायक रहते हुए कराए, उसके दस फीसदी विकास कार्य भी विधायक नहीं करा पा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, आरईएस, जल निगम आदि में बजट ही नहीं है। जलकल्याण की 11 योजनाएं बंद कर दी गई है।
उन्होंने कहा 25 योजनाओं को इतना जटिल कर दिया गया है कि लाभार्थी तक उसका लाभ न पहुंच पाए। साढ़े छह सौ करोड़ रुपये जो सीधा गरीब के खाते में जाता उसे सरकार बचा रही है। हमने एक परिवार में दोहरी पेंशन की व्यवस्था की थी, लेकिन सरकार ने 79 हजार महिलाओं व 21 हजार विकलांगों की दोहरी पेंशन बंद कर दी। गर्भवती महिलाओं को मिलने वाले दूध में कटौती कर दी। गौरा देवी, कन्या धन योजना एवं नंदा देवी योजनाओं का विलय कर दिया गया। तीनों योजनाओं को मिला कर चूं चूं का मुरब्बा बना दिया। जिस कन्या को हमारी सरकार एक लाख रुपये तक देती थी, उसे अब 25 से 30 हजार से अधिक नहीं मिलेगा। राज्य खाद्य सुरक्षा योजना को बंद कर दिया गया। कानून व्यवस्था प्रभावित हो रही है। राज्य में अच्छे पुलिस अफसर हैं, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण व्यवस्था बदहाल है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जीरो टारलेंस की बात करते हैं। एक मंत्री के परिवार के मुखिया पर गलत तरीके से जमीनों की खरीद फरोख्त का आरोप लगा, लेकिन सरकार जांच तक कराने को तैयार नहीं है। यह कैसा जीरो टारलेंस है। त्रिवेंद्र रावत बताएं कि क्या कार्रवाई की? आरोप लगाया कि और भी मंत्री संदेह के दायरे में हैं, जिन्होंने रिश्तेदारों को आगे करके माल कमाया है। कहा कि मुख्यमंत्री उनसे नाम पूछते हैं? वह समय आने पर नामों का खुलासा करेंगे। आज खेती और किसान उपेक्षित हैं। धान की खरीद योजना फेल है। पहली बार आधी से कम खरीद हुई है। बिचौलियों से ऊंचे दामों पर धान खरीदने का षडयंत्र रचा जा रहा है। कहा कि गन्ने की पेराई शुरू हो चुकी है, लेकिन किसानों का गन्ने का तीन सौ करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है। यह स्थिति तब है जब चीनी 45 रुपये किलो बिक रही है। हमने 21 रुपये किलो चीनी के दाम थे तो किसानों का शतप्रतिशत भुगतान किया। कहा कि इस साल गन्ना किसानों के लिए बड़ा खतरा है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीनी के दाम गिरने की संभावना बनी हुई है। सरकार चीनी मालिकों को लाभ देने के लिए गन्ने की पेराई ढीली कर सकती है। पत्रकार वार्ता में महानगर अध्यक्ष जगदीश तनेजा, मीना शर्मा, संदीप चीमा, ममता हालदार, ममता नारंग, ललित मिगलानी सहित अनेक मौजूद रहे।