UTTARAKASHI

भागीरथी में लापता 12 यात्रियों का दूसरे दिन भी सुराग नहीं

गांव के लोगों ने क‌िया गंगोत्री हाईवे जाम

नदी में मिली गाड़ी की स्टेपनी

अठाली गांव में छाया मातम

उत्तरकाशी: गंगोत्री हाईवे पर सुनगर के पास रविवार शाम को हुए बोलेरो दुर्घटना में लापता चल रहे 12 लोगों का दूसरे दिन भी भागीरथी नदी में कहीं सुराग नहीं लग पाया है।
वहीं प्रशासन पर खोज एवं बचाव कार्य में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अठाली गांव के ग्रामीणों ने घटना स्थल पर करीब दो घंटे धरना देकर गंगोत्री हाईवे जाम रखा।

सोमवार को अठाली गांव के दर्जनों लोग सुनगर के पास सुबह 11 बजे घटना स्थल पर पहुंचे। जिनके साथ लापता चल रहे ग्रामीणों के परिजन भी शामिल थे। ग्रामीणों ने मौके पर मौजूद जिला प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि घटना के 18 घंटे बाद भी लापता चल रहे लोगों में से एक को भी प्रशासन ढूडने में कामयाब नहीं रहा।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अभी तक घटना स्थल पर न तो रेस्क्यू करने के लिए कोई उपकरण पहुंचे हैं और न ही क्रेन पहुंची है। इस बीच एसडीएम भटवाड़ी के साथ कुछ ग्रामीणों की कहासुनी हो गई। तो ग्रामीणों ने एसडीएम पर अभद्रता का आरोप भी लगाया।

लेकिन इसके बाद एसपी ददन पाल और एडीएम पीएल शाह के मनाने पर ग्रामीण कुछ शांत हुए और धरना समाप्त किया। इस बीच हाईवे पर दोनों तरफ जाम लगा रहा। हाईवे खुलने के बाद दोनों तरफ से गाड़ियां पास हुई और जाम खुल पाया।

इस बीच गंगोत्री विधायक गोपाल रावत, भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य लोकेंद्र बिष्ट, महामंत्री हरीश डंगवाल ने भी घटना स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की।

घटना के बाद रविवार देर रात तक रेस्क्यू जारी रहा। इसके बाद सोमवार सुबह फिर से रेस्क्यू शुरू हुआ। सुबह तक एनडीआरएफ की टीम भी घटना स्थल पर पहुंच गई थी। इसके बाद एनडीआरएफ के साथ एसडीआरएफ, आईटीबीपी और फायर सर्विस के जवानों ने भी भागीरथी नदी के किनारे पर रेस्सों के जरिए खोज एवं बचाव कार्य जारी रखा लेकिन किसी का कुछ पता नहीं चल पाया।

जबकि भागीरथी नदी पर घटना स्थल से लेकर मनेरी तक विभिन्न जगहों पर अलग-अलग टीमों ने भी खोज एवं बचाव कार्य जारी रखा। इस बीच बिशनपुर के पास भागीरथी नदी के किनारे जल पुलिस को बोलेरो गाड़ी की स्टेपनी टायर मिला। जबकि नदी में तैरता हुआ एक वुडलैंड का जूता भी मिला।

लेकिन देर शाम तक 12 लोगों में से एक का भी पता नहीं लग पाया। घटना स्थल पर रेस्क्यू के दौरान अधिकारी और ग्रामीण यही कहते नजर आये कि काश लोहारी नागपाला जल विद्युत परियोजना शुरू होती तो आसानी से भागीरथी का पानी कुछ देर के लिए रोका जा सकता था।

रेस्क्यू कार्य के दौरान प्रशासन ने मनेरी झील में भी लापता लोगों को ढूडने की कोशिश की। जिसके लिए मनेरी झील बैराज के दो गेट खोलकर पानी छोड़ा गया। लेकिन इसके बावजूद वहां कुछ पता नहीं लग पाया।

रेस्क्यू के दौरान आईटीबीपी, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवान वहां जुटे रहे। इस दौरान आईटीबीपी के कुछ जवानों ने बातचीत में बताया कि नदी का बहाव बहुत तेज है लेकिन नदी के बीच में कहीं किसी का सुराग मिलता या गाड़ी का कुछ हिस्सा भी दिखता तो हम लोग पुल बनाकर वहां तक पहुंच जाते।

नदी के बहाव को देखकर यह खतरनाक जरूर होता लेकिन कहीं से कुछ सुराग मिलता तो हम वहां तक जरूर पहुंच जाते। लेकिन यहां कहीं कुछ पता ही नहीं चल पा रहा है। क्रेन व अन्य उपकरणों का तभी फायदा है जब कहीं कुछ सुराग मिले।

वहीं देर शाम करीब 4 बजे के बाद भटवाड़ी क्षेत्र में झमाझम बरसात हुई। जिससे काफी देर तक रेस्क्यू प्रभावित रहा। लेकिन बारिश रुकने के बाद फिर से रेस्क्यू शुरू हो गया।

घटना के बाद से अठाली गांव में मातम छाया हुआ है। गांव के ज्यादातर लोगों ने खोज एवं बचाव का जिम्मा संभाला हुआर है। जो रेस्क्यू की टीम के साथ भागीरथी के तटों पर अपनों को तलाश कर रहे हैं। जबकि बुज्रु्ग और महिलाओं ने लापता हुए लोगों के परिजनों के घर पर डेरा जमाया हुआ है। जो लापता लोगों के परिजनों को दिलासा देने पर लगे हुए हैं। महिलाओं का रो-रो कर बुरा हाल है।

devbhoomimedia

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