CRIME

स्टिंग बाज़ उमेश के खिलाफ कई लोग आने लगे सामने

  • आईएएस स्टिंग केस मामला
  • उमेश कुमार के खिलाफ एक और वारंट
  •  वाई श्रेणी की सुरक्षा हटाने की तैयारी हुई पूरी 
  • क्रिकेटर मोहम्मद शमी की पत्नी भी आयी सामने 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : स्टिंग प्रकरण में जेल में बंद निजी चैनल के उमेश कुमार शर्मा के खिलाफ पुलिस ने ग्यारह साल पुराने धोखाधड़ी के मुकदमे में एक और वारंट प्राप्त कर लिया है। वहीं क्रिकेटर मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां  ने भी उमेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने उनके खिलाफ ब्लैक मेलिंग का मामला बताया है। उन्होंने कहा है कि उनके पति के इशारे पर उन्हें उमेश शर्मा ने ब्लैक मेल करने का प्रयास करने के साथ ही उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास भी किया था।

वहीं पुलिस आज इस वारंट को दाखिल कर रिमांड लेगी। इस मुकदमे के ट्रायल पर दस साल से हाईकोर्ट का स्टे चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश का हवाला देकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया।

स्टिंग प्रकरण में जेल में बंद निजी चैनल के सीईओ उमेश कुमार शर्मा के पुराने मामलों को खंगालने में आजकल पुलिस जुट गयी है। मंगलवार को उमेश पर कानूनी शिकंजा कसने के लिए एक और मुकदमा पुलिस को मिल गया।

सूत्रों के मुताबिक एक जमीन के मामले में मनोरंजनी शर्मा की तरफ से 2007 में रायपुर थाने में उमेश शर्मा आदि के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना के बाद इस मामले में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था।

2010 में इस मुकदमे के ट्रायल पर हाईकोर्ट से स्थगनादेश मिल गया था, तब से यह मुकदमा सुनवाई पर नहीं आया था। पुलिस अधिकारियों ने इस मामले में अभियोजन अधिकारियों के साथ मंथन किया था।

इसी बीच स्थगनादेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल में दिए आदेश का हवाला देकर अभियोजन अधिकारियों ने मंगलवार को कोर्ट में पैरोकारी की। आदेश के अनुपालन में पुलिस ने धोखाधड़ी के मुकदमे के ट्रायल पर आठ साल से चल रहे स्टे को निरस्त कराते हुए कोर्ट से वारंट प्राप्त कर लिया है।

आरोपी उमेश कुमार शर्मा की वाई श्रेणी सिक्योरिटी हटाने की तैयारियां भी शुरू हो गई है। उत्तराखंड पुलिस जल्द ही गृह मंत्रालय में इस संबंध में सिफारिश कर सकती है। इसके लिए पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि पुलिस के उच्चाधिकारी इस संबंध में कोई अधिकारिक बयान नहीं दे रहे हैं।

उमेश कुमार शर्मा ने अक्टूबर 2015 में अपनी जान को खतरा बताते हुए केंद्र सरकार से सिक्योरिटी की मांग की थी। इस पर उत्तर प्रदेश पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर उमेश को वाई श्रेणी की सिक्योरिटी दी गई थी। तब से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 12 जवान और कमांडो उमेश की सुरक्षा में तैनात हैं। बताया जा रहा है कि जिस दिन उमेश की गिरफ्तारी हुई थी, तब भी सिक्योरिटी में तैनात जवानों से पुलिस की नोक-झोंक हुई थी। इस दौरान उनके उच्चाधिकारियों को वारंट की कॉपी दिखाई गई। उसके बाद ही पुलिस उमेश तक पहुंच पाई थी।

सोमवार को उमेश की पेशी के दौरान भी सिक्योरिटी कोर्ट परिसर के बाहर ही रही। मंगलवार को भी सिक्योरिटी में तैनात जवान परिसर के बाहर ही मौजूद रहे। पुलिस के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार अब चूंकि उमेश जेल में है तो इस सिक्योरिटी का मतलब ही नहीं है। साथ ही खुफिया रिपोर्ट यह भी कहती है कि उमेश को कोई धमकी या किसी तरह से जान का खतरा है ही नहीं।

लिहाजा उसने यह सिक्योरिटी भी सरकार को गुमराह कर अपने रुतबे के आधार पर हासिल की थी। ऐसे में अब पुलिस की ओर से गृह मंत्रालय से इस सिक्योरिटी को वापस लिए जाने की सिफारिश की जा रही है। एक आला अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में सारी तैयारियां हो चुकी हैं, आगे निर्णय गृह मंत्रालय को लेना है।

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