मोदी के तीन साल के कार्यकाल पर सिंघवी का जमकर प्रहार
देहरादून : कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल को लोकतंत्र को कमजोर करने वाला और सच्चाई से परे करार दिया। एक-एक वादे को आंकड़ों की कसौटी पर कस कर उन्होंने मोदी सरकार को घेरने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि हर साल दो करोड़ रोजगार का वादा करने वाली मोदी सरकार एक साल में डेढ़ लाख लोगों को भी रोजगार नहीं दे सकी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के वादे ठेठ आसमान पर हैं मगर उनकी हकीकत पाताल से भी गहरी है।
सिंघवी शुक्रवार को कांग्रेस भवन में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल पर प्रहार करने के लिए उन्हें कांग्रेस आलाकमान ने खासतौर पर देहरादून भेजा था। सिंघवी ने बेहद सधे अंदाज में मोदी सरकार के वादों पर तंज किया। बोले, ‘मोदी सरकार के वायदे सिर्फ इश्तहार बन कर रह गए।
वे इश्तेहारबाज हैं इसलिए अलबत्ता मीडिया मैनेजमेंट में उसे नोबेल पुरस्कार जरूर मिल सकता। इस सरकार की परिभाषा है मेरा भाषण, मेरा शासन।’ भाजपा को उन्होंने भारतीय जनता पर पाबंदी पार्टी करार दिया। कहा,‘ पहली बार तीन वर्षों के दौरान कोई सरकार लोगों को बता रही है कि उसे क्या बोलना है, क्या पहनना है? इसके बाद सिंघवी मुद्दों पर लौटे।
उन्होंने कहा,‘हमारे हिसाब से इस सरकार की विकास दर 5.50 प्रतिशत है। मगर जब टीम हार रही हो तो गेम के नियम ही बदल डालो के अंदाज में मोदी सरकार ने जीडीपी कैलकुलेशन के रूल्स ही बदल डाले और इसे सात फीसदी तक पहुंचा दिया। अब प्रश्न यह है कि सात फीसदी जीडीपी रोजगार और कृषि सेक्टर में क्यों रिफलेक्ट नहीं हो रही है? ये कैसा जॉबलेस ग्रोथ है।
फिर वह आंकड़ों पर आए। कहा, यूपीए सरकार में 2009-10 में 8.79 लाख, 2010-11 में 9.29 लाख रोजगार दिया गया। मोदी सरकार में 2015-16 में 1.35 लाख और 2016-17 में 1.10 लाख लोगों को ही रोजगार मिला, जबकि मोदी सरकार ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। बोले, क्या ये जुमलेबाजी नहीं है? सिंघवी ने कहा कि देश की 60 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है और इस सेक्टर की ग्रोथ रेट गिर कर 1.6 फीसदी रह गई है
जबकि यूपीए सरकार में यह 4.2 फीसदी थी। उन्होंने दावा किया कि यूपीए के समय नौ वर्ष के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य की दर में 700 से 1000 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई जबकि पिछले दो वर्ष में यह 10 से 20 फीसदी ही बढ़ाई गई। किसान आत्महत्या कर रहे हैं और इनके नेता उन्हें कायर करार दे रहे हैं। सिंघवी ने कहा कि 2014 में 12300, 2015 में 12602 व 2016 में करीब 14 हजार किसान आत्महत्या कर चुके हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में बढ़ते अलगाव पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज हर सच्चे भारतीय को कश्मीर के लिए भय हो गया है। प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल समेत कई अन्य कांग्रेसजन भी मौजूद थे।
600 साल लग जाएंगे सबको घर देने में
सिंघवी ने कहा कि मोदी सरकार नो 2022 तक दो करोड़ घर देने का वादा किया है। लेकिन पिछले तीन वर्ष में सिर्फ एक लाख घर दिए गए। इस दर से सबको घर देने में उसे 600 बरस लग जाएंगे। नमामि गंगे के 20,000 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए 25 प्रतिशत धन एलोकेट किया। तीन साल में सात फीसदी ही खर्च। इस पर न्यायालय ने ही तंज किया है कि खर्च की इस दर से नमामि गंगे को पूरा होने में 600 साल लग जाएंगे।
भ्रष्टाचार और लोकायुक्त और केंद्र को घेरा
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने लोकायुक्त के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को घेरा। कहा, गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए लोकायुक्त नहीं लाए और अब केंद्र में भी लोकायुक्त पर हीलाहवाली गुजरात मॉडल का ही नमूना है। उन्होंने व्यापमं घोटाले को लेकर शिवराज सिंह, पनामा में प्रकाशित छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह के नाम आने और वाइल्ड वर्ल्ड रिजोर्ट नामक कंपनी को 125 करोड़ रुपये एकड़ जमीन को 60 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से देने के मामले में आनंदी बेन पटेल पर निशाना साधा। कहा कि आखिर भ्रष्टाचार की और क्या परिभाषा है?