बहुमत की सरकार, भ्रष्टाचार पर प्रहार
देहरादून। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने का असल श्रेय युवाओं व महिलाओं को दिया जा सकता है। जिन्होंने कि मतदान में बढ़चढक़र हिस्सेदारी निभाई और सही मायने में एक ही दल को पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का गौरव प्रदान करने का मौका दिया। यहां साफगोई है कि स्पष्ट बहुमत वाली सरकार पर दोहरा दबाव नहीं रहता है और अपने किसी भी फैसले को बिना दबाव के लागू करा सकती है, बहरहाल वह जनहितैषी हो और विकास का पूरक हो। बहरहाल मतदान के क्षणों की अगर बात करें तो राजधानी देहरादून के चुनाव परिणाम में युवा और महिला शक्ति का जमकर सिक्का चला।
मतदाताओं के रूप में जहां 64 फीसद से अधिक युवा मतदाताओं का विजन था, तो महिला मतदाताओं ने पुरुषों की अपेक्षा 4.34 फीसद अधिक मतदान कर प्रत्याशियों का भविष्य तय करने में अहम भूमिका निभाई। इस चुनाव के आंकड़े गवाह हैं कि जिस सीट पर महिला मत प्रतिशत जितना अधिक रहा, वहां जीत का अंतर भी उसी अनुपात में ऊपर रहा। रायपुर, डोईवाला, कैंट सीट व सहसपुर सीट इसका बात का जीता जागता उदाहरण हैं।
वहीं, महिला-पुरुष मत प्रतिशत में सबसे कम अंतर चकराता सीट पर रहा और इसी सीट पर जीत की सुनामी लाने वाली भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि जीत का अंतर मामूली रहा या यूं कहें कि यहां भी महिला मत प्रतिशत अन्य सीट की तरह होता तो शायद परिणाम भी बदले नजर आ सकते थे।
चुनाव में युवा शक्ति की बात करें तो 18 से 39 वर्ष तक के मतदाताओं की संख्या 64.3 फीसद रही। मतदान में भी आबादी का यही हिस्सा वोट डालने में आगे रहा। खास बात यह कि इस वर्ष ने प्रत्याशी या पार्टी को उसकी दूरगामी सोच के आधार पर पसंद या नापसंद किया।
इस वर्ग ने बिना प्रलोभन में आए वोट डाला और अपने प्रतिनिधि का चुनाव किया। इस चुनाव में युवाओं और महिलाओं की अधिकतम् सहभागिता के पीछे चुनाव आयोग की जनजागरूकता के लिए कड़ी मेहनत भी जिम्मेदार है जिसने लगातार अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया।