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EXCLUSIVE : CBI खोलेगी ब्लैकमेलिंग और दलाली का खेल !

कथित स्टिंग की शुरुआती जांच में अहम साक्ष्य मिलने पर ही दर्ज की गई एफआईआर
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
एफआईआर के तलाशे जा रहे सिसायी निहितार्थ !
इस एफआईआर में पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ ही मौजूदा मंत्री हरक सिंह रावत को भी नामजद किया है। इसके सियासी निहितार्थ भी तलाशे जा रहे हैं। कांग्रेस से भाजपा में आकर मंत्री बने नेताओं में से हरक ही सबसे मुखर हैं।
कई बार कहा जाता रहा है कि वो एक पार्टी में ज्यादा दिन टिकते नहीं हैं और छोटी सी उम्र में मंत्री पद तक पहुँचने वाले डॉ.हरक सिंह रावत के बारे में यह भी मिथक रहा है कि उन्होंने उत्तरप्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक की सियासत में कभी भी मंत्रिपद का पूरे पांच साल रसास्वादन नहीं किया और उनकी दिली ख्वाइश मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुँचने की रही है और इसका खुलासा समय-समय पर मुख्यमंत्री रहे लोगों को खुद से जूनियर बताकर वे कई बार कर चुके हैं।
लेकिन यह बात भी दीगर है भावनाओं में बहने वाले हरक सिंह रावत के कन्धों का कई सियासतदाओं ने भरपूर उपयोग कर अपना उल्लू सीधा किया है।
इस रिपोर्ट में उनका नाम आने से यह तो साफ हो गया है कि अब तो वे भाजपा को किसी तरह की धमकी नहीं दे सकते। विधिवेत्ताओं का यह भी मानना है कि यह भी हो सकता है कि हरक को सीबीआई वायदा माफ गवाह बनाकर हरीश रावत और स्टिंगबाज को जेल भेजने के काम में उपयोग करे। सच क्या है ये तो सीबीआई जांच के आगे बढ़ने पर ही साफ होगा।