डॉ. इंदिरा हृदयेश व प्रीतम सिंह में से कौन बनेगा नेता प्रतिपक्ष !
देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा सत्र के ऐलान के साथ ही कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष को लेकर लॉबिंग तेज हो गई है। हालांकि इस पर अभी संशय बना हुआ है। लेकिन रेस में इन नेताओं के नाम सबसे आगे गिने जा रहे हैं। अनुभव और कद के हिसाब से इंदिरा हृदयेश नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी की मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं, लेकिन प्रचंड मोदी लहर में चुनाव जीत कर आए पार्टी के कई विधायकों की हसरतें भी जोर मार रही हैं। इस संबंध में पूर्व सीएम की मौजूदगी में पार्टी के कुछ विधायकों की दो दौर की बैठक हो चुकी है।
सूत्रों की मानें तो विधानसभा में चुनकर आए 11 में से सात विधायक विधानसभा के भीतर नए चेहरे को विपक्ष के नेता की कमान सौंपे जाने के पक्षधर हैं। सियासी हवाओं में जो नाम तैर रहे हैं उनमें सबसे पहला नाम पार्टी की वरिष्ठतम नेत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश का है। इंदिरा सीट बचाने वाले पार्टी के चंद दिग्गजों में शुमार हैं।
कद और अनुभव के हिसाब उनके बाद विधायकों में दूसरा नाम चकराता से चुनाव जीते पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह का है, लेकिन कुछ विधायकों का मत इस पर जुदा है। वे नेता प्रतिपक्ष की कमान किसी नए व नौजवान चेहरे को दिए जाने के पक्ष में हैं।
सूत्रों की मानें तो हरीश रावत खेमे के कुछ विधायकों की इस संबंध में गुप्त बैठकों के दौर चल रहे हैं। इस खेमे से सबसे पहला नाम रानीखेत से जीत कर आए करन माहरा का है। हरीश रावत खेमा केदारनाथ से जीते युवा विधायक मनोज रावत की भी पैरोकारी कर रहा है। लेकिन, संगठन से जुड़े लोगों के हिसाब से पलड़ा इंदिरा हृदयेश का ही भारी है।
विधानसभा सत्र 24 मार्च से प्रस्तावित है। सत्र से पहले कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना जा सकता है। इसके लिए एक-दो दिन में बैठक हो सकती हैं। बैठक में विधायक अपनी राय देंगे और पार्टी आलाकमान उस पर निर्णय लेगा।
वहीँ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का कहना है कि शुक्रवार को हुई बैठक में विधायकों ने सदन के भीतर की रणनीति पर मंथन किया। नेता प्रतिपक्ष को लेकर अभी कोई नाम तय नहीं हुआ है। विधायक दल की बैठक के बाद इस पर पार्टी नेतृत्व निर्णय लेगा।