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मुख्यमंत्री व आर्मी चीफ ने किया वार मेमोरियल बाॅयज एवं गर्ल्स छात्रावास का उद्घाटन

- सेना तैयार हो तो हल्द्वानी में भी सैनिक आश्रितों के लिए छात्रावास बनाने की योजना
- सीमित संसाधन के बाबजूद अपने सैनिको एवं सैन्य परिवारों को हर सम्भव मदद करने को तैयार
- सेना मेडल जवानों एवं फौज में तैनात जवानों को बच्चों की परवरिश के लिए अधिक भटकना नहीं पड़ेगा :

यह बात आज यहाँ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद मेजर जनरल(से.नि.) भुवन चन्द्र खण्डूड़ी एवं आर्मी चीफ बिपिन रावत के साथ सहस्त्रधारा रोड स्थित डांडा लखौण्ड में गढ़वाल राईफल्स के वार मेमोरियल बाॅयज एवं गल्र्स छात्रावास का उद्घाटन के अवसर पर कही। इस छात्रावास में कुल 250 छात्र-छात्राएं रह सकते हैं। जिसमें से 125 छात्रों एवं 125 छात्राओं के लिए रहने की व्यवस्था है। छात्रावास में भोजन, छात्र-छात्राओं को स्कूल जाने के लिए बस की सुविधा, चिकित्सा सुविधा, पुस्तकालय, ट्यूशन की सुविधाएं, आॅडियो-वीडियो रूम, व्यावसायिक परिक्षाओं के लिए कोचिंग सुविधा प्रदान की जायेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद मेजर जनरल(से.नि) भुवन चन्द्र खण्डूड़ी ने कहा कि सैनिक आश्रितों की सुविधा के लिए यह एक सराहनीय कार्य हुआ है। छात्र-छात्राएं, इस छात्रावास में रहकर अच्छी शिक्षा ग्रहण करेंगे तथा सैन्य एवं अन्य क्षेत्रों में अच्छे पदों पर आगे बढ़ेंगे।
आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि चैत्र माह के नवरात्रि के दिन गढ़वाल राईफल्स के वार मेमोरियल बाॅयज एवं गल्र्स छात्रावास का उद्घाटन एक शुभ प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस छात्रावास के बनने से सेना मेडल जवानों एवं फौज में तैनात जवानों को बच्चों की परवरिश के लिए अधिक भटकना नहीं पड़ेगा। उन्होंने इस हाॅस्टल के निर्माण में सहयोग के लिए उत्तराखण्ड सरकार, विभिन्न संस्थाओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हाॅस्टल में छात्र-छात्राओं को अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी, जिससे वे आर्मी एवं अन्य संस्थानों में नौकरी करने के लिए अच्छी पढ़ाई कर सकें।
विधायक गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों व उनके आश्रितों की हर सम्भव मदद के लिये तैयार है। उन्होंने अपनी विधायक निधि से छात्रावास के लिये 50 लाख रूपये देने की बात कही।
लेफ्टिनेंट जनरल श्री सरतचन्द ने कहा कि इस छात्रावास के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा 4.18 एकड़ भूमि एवं 2 करोड़ 50 लाख रूपये की वित्तीय सहायता दी गई। इसके अलावा विभिन्न संगठनों एवं कम्पनियों द्वारा भी योगदान दिया गया।