यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर दोपहर 12:15 बजे खोले जाने की हुई घोषणा
गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे,17 मई की सुबह पांच बजे भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट, और 18 मई की प्रातः खुलेंगे बद्रीधाम के कपाट
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
बड़कोट (उत्तरकाशी) : मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में रविवार को यमुना जन्म दिवस के अवसर पर तीर्थ पुरोहितों द्वारा यमुनोत्री धाम के कपाट खोलने का शुभ मुहूर्त निकाला गया। यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर दोपहर 12:15 बजे अभिजीत मुहूर्त में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। यमुना के शीतकालीन निवास स्थल खुशीमठ में रविवार को बड़ी धूमधाम के साथ मां यमुना का जन्म महोत्सव मनाया गया। यमुना तट पर मां यमुना की पूजा अर्चना की गई तथा यहां से खुशीमठ तक भव्य कलश यात्रा निकाली गई।
इतिहास में यह पहला अवसर होगा जब विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अलग-अलग तिथि पर खुलेंगे। इस वर्ष अक्षय तृतीय का पर्व दो दिन यानि 14 मई की सुबह 7:30 बजे से लेकर 15 मई की सुबह 7: 50 बजे तक आ रही है। जिसके चलते चार धामों के प्रथम पड़ाव यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई को दोपहर 12:15 पर तो गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को सुबह 7:30 पर खुलेंगे।
रविवार को इससे पूर्व सुबह नौ बजे यमुनोत्री मंदिर समिति, पंच पंडा समिति एवं यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में यमुनोत्री धाम के कपाट खोलने का शुभ मुहूर्त निकाला गया। 14 मई को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर सुबह 9:15 बजे शनिदेव की टोली की अगुवाई में मां यमुना की टोली शीतकालीन प्रवास खुशी मत से यमुनोत्री धाम के लिए प्रस्थान करेगी तथा उसी दिन अक्षय तृतीया के पावन पर्व को अभिजीत मुहूर्त पर कर्क लग्न में दोपहर 12:15 बजे परंपरा अनुसार वैदिक मंत्रोंच्चार के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे।
कपाट खुलने के बाद ग्रीष्म काल में आगामी छह माह तक देश विदेश से आने वाले तीर्थयात्री मां यमुना के दर्शन यमुनोत्री धाम में कर सकेंगे। इस अवसर पर यमुनोत्री मंदिर में मंदिर समिति के उपाध्यक्ष जगमोहन उनियाल, सचिव कृतेश्वर उनियाल, प्रवक्ता बागेश्वर उनियाल, पुरुषोत्तम उनियाल, पवन प्रकाश उनियाल, जयंती उनियाल, गजेंद्र उनियाल, गिरीश उनियाल, रामनारायण उनियाल, विनोद उनियाल, प्रह्लाद उनियाल, दिवाकर उनियाल, अमित उनियाल, शीत कालीन पुरोहित प्रवेश उनियाल,नअंकित उनियाल आदि मौजूद रहे।
गौरतलब हो कि बाबा केदार की चल विग्रह डोली पहले ऊखीमठ से प्रस्थान कर 14 मई को फाटा विश्राम के लिए पहुंचेगी। जबकि 15 मई को को गौरीकुंड और 16 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी, जहां 17 मई को सुबह पांच बजे भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। उत्तराखंड के गढवाल हिमालय में स्थित विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल 18 मई की प्रातः ब्रह्म बेला में खुल जायेंगे जबकि गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।